विधानसभा चुनाव से करीब दो महीने पहले शिवराज मंत्रिमंडल में शनिवार को 3 नए मंत्रियों को शामिल किया गया… तीनों को राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने राजभवन में शपथ दिलाई… नए मंत्रियों में सबसे पहले महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन, विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और बुंदेलखंड से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी ने शपथ ली।
बिसेन और शुक्ला को कैबिनेट मंत्री, जबकि लोधी को राज्यमंत्री बनाया गया है… विस्तार के बाद शिवराज कैबिनेट में अब 33 मंत्री हो गए हैं… 1 पद अभी भी खाली है… इससे पहले मध्यप्रदेश कैबिनेट में 23 कैबिनेट मंत्री, 7 राज्य मंत्री थे…. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद गठित हुए मंत्रिमंडल को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती ने कई बार ये कह चुकी थीं कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन नहीं है… यही कारण है कि उमा के इस बयान के पीछे की वजह यह थी कि मंत्रिमंडल में लोधी समाज का एक भी मंत्री नहीं होना, जबकि इसके पहले की बीजेपी की सरकारों में कुसुम महदेले और जालम सिंह पटेल मंत्री थे… वही 2014 में बनी केंद्र में मोदी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया था।
विंध्य क्षेत्र में 2018 की विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित सफलता मिलने के बाद भी दमदार नेता राजेंद्र शुक्ला कैबिनेट में शामिल नहीं हो पाए थे… इस वजह से उनके समर्थकों में नाराजगी बढ़ रही थी… जिसको चुनाव के पहले ही राजेश शुक्ल को मिनिस्टर बनाकर पार्टी ने दूर कर दिया है … वही गौरीशंकर बिसेन महाकौशल में OBC का बड़ा चेहरा हैं और पार्टी के सीनियर लीडर भी हैं… उन्हें भी मंत्री बनाया गया है …
मंत्री मंडल विस्तार को लेकर राजनीति सूत्रों की माने तो रीवा विधायक और बालाघाट विधायक का नाम पहले से तय था … वहीं दलित समाज से लाल सिंह आर्य, पिछड़ा वर्ग से जालम सिंह पटेल और लोधी वोट बैंक को साधने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारतीय के भतीजे की चर्चा चल रही थी। अंतत: विचार राहुल सिंह लोधी के नाम पर किया गया है और वे राज्यमंत्री बनाएं गए।